मोटा भाई (Mota bhai)- motivational thoughts in hindi

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मोटा भाई (Mota bhai)- motivational thoughts in hindi (Moral stories):

motivational thoughts in hindi– ये कहानी एक व्यापारी की है| जिसके बेटे अम्बर के मोटापे की वजह से, उनकी चिंता बढ़ती जा रही थी लेकिन, अम्बर ने अपने जीवन में कुछ ऐसा कर दिखाया था जिससे, उसने अपने देश के साथ साथ, विदेश की जनता का भी दिल जीत लिया| अम्बर के पिता व्यापार की दुनिया के महाराजा थे| वह दुनिया के हर क्षेत्र में, एक पर एक रिकॉर्ड दर्ज करते जा रहे थे लेकिन, अंबर अपने बचपन के दिनों से ही, मोटापे की समस्याओं से ग्रसित था जिससे, उसे अपने दोस्तों के बीच हँसी का पात्र बनना पड़ता था| उसके स्कूल में कई छात्र उसे चढ़ाने के लिए, मोटा भाई (Mota bhai) कहकर बुलाते थे हालाँकि, अंबर को इस शब्द से कोई ख़ास आपत्ति नहीं थी क्योंकि, गुजरात में मोटा भाई का मतलब बड़ा भाई माना जाता है| अम्बर के रसूख़ की वजह से, भले ही लोग उसके सामने ज्यादा कुछ नहीं कहते लेकिन, पीठ पीछे मज़ाक उड़ाने से भी, पीछे नहीं हटते अम्बर ने अपने मोटापे से छुटकारा पाने के लिए, बहुत मेहनत की और कुछ हद तक उसे कामयाबी भी मिली लेकिन, शारीरिक तत्वों की कमी की वजह से वह दोबारा तेज़ी से मोटा होने लगा| बड़े से बड़े डॉक्टर्स भी अम्बर का वज़न कम करने में क़ामयाब नहीं हो पा रहे थे| धीरे धीरे अम्बर निराश होने लगा| शहर में लोगों के भद्दे मज़ाक से परेशान होकर उसने तय किया कि, वह अपने गाँव जाकर अपनी दादी के साथ रहेगा| अम्बर के पिता उससे बहुत प्यार करते थे| वह अपने बेटे को ख़ुश रखने के लिए, कुछ भी करने को तैयार थे| उन्होंने अपने बेटे की इच्छा पर उसे गाँव भेज दिया| गाँव में अम्बर का एक बहुत बड़ा फ़ार्महाउस था जहाँ, वह अपनी दादी के साथ रहने लगा| धीरे धीरे अम्बर को गाँव का वातावरण अच्छा लगने लगा वह यहाँ प्रकृति के बीच शांति महसूस करने लगा| उसे अपने अकेलेपन से प्यार हो चुका था| एक दिन अम्बर गाँव की पहाड़ी के ऊपर बने, छोटे से मंदिर में पहुँचता है| वहाँ उसे एक व्यक्ति ध्यान में बैठा दिखाई देता है|

मोटा भाई (Mota bhai)- motivational thoughts in hindi
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अम्बर उसके पास पहुँच जाता है| कुछ देर बाद जैसे ही उसकी आँख खुलती है| वह अम्बर को देख कर मुस्कुराते हुए कहते हैं, “क्यों परेशान हो?” अम्बर उनकी तरफ़ आश्चर्य चकित होकर देखता है| दरअसल, अम्बर के दिल में उठ रहे तूफ़ान को, उन्होंने पहचान लिया था| अंबर उनसे पूछता है कि, “मैं अपने जीवन में क्या करूँ कि, अपनी प्रतिभा दिखा सकूँ और सबकी नज़रों में आदर पा सकूँ? अब मुझे कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा| कई लोग मेरे मोटापे की वजह से, मुझे सहानुभूति के भाव से देखते हैं लेकिन, मैं अपनी शारीरिक कमज़ोरी से ऊपर उठकर, कुछ करना चाहता हूँ| अम्बर की बातों को गंभीरता से समझने के बाद, उस व्यक्ति ने अम्बर को कुछ ही घंटों में, एक ऐसा सच बताया जिससे, अम्बर की दुनिया बदल गई| अपने फ़ार्महाउस वापस आते ही अम्बर ने, अपने पिता को फ़ोन लगाकर मिलने को कहा| अम्बर के अचानक इस तरह बुलाने से, उसके पिता घबरा गए| वह तुरंत अपने निजी हेलीकॉप्टर से, अपने बेटे से मिलने पहुँचे| अम्बर ने अपने पिता से कहा कि, “वह एक छोटा सा वन्यजीव संरक्षण केंद्र बनाना चाहता है|” उसकी यह बात सुनकर, उसके पिता मुस्कुराने लगें| उन्होंने अंबर से पूछा कि, “बेटे तुम्हारे पास इतने सारे व्यापारिक रास्ते हैं फिर भी, तुम ऐसे काम को चुनना चाहते हो जिससे, तुम्हें कोई मुनाफ़ा नहीं होगा|” अम्बर ने अपने पिता से कहा, “पापा आज हमारे पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है| हम ही ऐसे सौभाग्यशाली व्यक्तियों में से हैं जो, जानवरों की सुरक्षा के लिए क़दम उठा सकते हैं| अम्बर के पिता को उसकी बात पसंद आती है इसलिए, वह अपने बेटे को सलाह देते हैं कि, “यदि तुम कुछ करना ही चाहते हो तो, दुनिया का सबसे बड़ा काम करना लेकिन, इसके लिए तुम्हें पूरी तरह केंद्रित होना होगा क्योंकि, कर्मचारी भी तभी ईमानदारी से कार्य करते हैं जब, उनका मुखिया मेहनती और ईमानदार हो|” अम्बर के पिता ने तो उसे उसके काम के लिए प्रोत्साहित किया| लेकिन जैसे ही, अम्बर के भाई बहन को उसकी इच्छा का पता चला तो, उन्हें अंबर की सोच पर हँसी आयी क्योंकि, आज के ज़माने में सभी अपनी ज़िंदगी को बेहतर बनाना चाहते हैं लेकिन, अम्बर की चाहत तो बिलकुल अलग थी| अम्बर के भाई बहनों ने भी उसे समझाने का प्रयास किया लेकिन, अंबर अपना मन बना चुका था| उसने कर्मचारियों की मदद से, धीरे धीरे एक विशाल जंगल को वन्यजीव संरक्षण केंद्र में तब्दील कर दिया| जहां दुनिया भर से बीमार और कमज़ोर हो चुके जानवरों को लाया जाने लगा| देखते ही देखते अम्बर का काम बढ़ने लगा| देश विदेश से बड़े बड़े वैज्ञानिक, जानवरों से संबंधित जानकारी जुटाने के लिए, अम्बर के बनाए हुए केंद्र में पहुँचने लगे| कुछ ही सालों के अंदर अम्बर की मेहनत ने असर दिखाना शुरू किया| जानवरों की बढ़ती हुई संख्या से, पर्यावरण स्तर सुधरने लगा|

मोटा भाई (Mota bhai)- motivational thoughts in hindi (Moral stories):
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अम्बर ने कई ऐसी प्रजातियों को भी संरक्षित किया जो, लगभग विलुप्ति के कगार पर थी| अम्बर को पूरे विश्व में जानवरों के संरक्षण के लिए, एथिकल बिज़नेसमैन के तौर पर सम्मानित किया गया| अम्बर की बढ़ती लोकप्रियता देखकर, उसके पिता को अपने बेटे पर गर्व होने लगा| जब मीडिया के द्वारा अम्बर से उसकी कामयाबी की वजह पूछी गई तो, उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता के साथ साथ, उस व्यक्ति को दिया जो, कई साल पहले अम्बर से एक पहाड़ी के ऊपर मिला था| अम्बर ने सभी को बताया कि, “उस व्यक्ति ने मुझसे एक ही बात कही थी, जीवन में जो कुछ भी करना, पाने की उम्मीद से नहीं, देने के लिए करना क्योंकि, तुम इस दुनिया से कुछ लेकर नहीं जा सकते| हाँ, देकर ज़रूर जा सकते हो और तभी से मैंने तय किया कि, बैंक बैलेंस बढ़ाने के लिए तो, बहुत से व्यापारी दिन रात लगे रहते हैं लेकिन, कोई भी आंकड़ा संतुष्टि के कगार पर नहीं रुकता लेकिन, देने की भावना से मिलने वाला प्रेम अद्वितीय होता है| जिसकी ख़ुशबू जीवन को आनंदित कर देती है इसलिए, मैंने यह रास्ता चुना| अम्बर की बात सुनते ही, सभी तालियां बजाने लगे और उसके पिता मन ही मन, उस व्यक्ति को धन्यवाद दिया जिन्होंने, अम्बर को एक अच्छी शिक्षा देकर, इतनी ऊंचाइयों तक पहुँचा दिया क्योंकि, वह अपने बेटे को भलीभाँति जानते थे| यह बदलाव अविश्वसनीय था| दरअसल, उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि, उनका बेटा जानवरों के प्रति इतना समर्पित होगा और अपने शारीरिक तक़लीफ को भूलकर, इतना बड़ा काम कर दिखाएगा जो, हमारी कल्पना से भी परे था| अम्बर की कामयाबी ने इतिहास रच दिया था| अम्बर के बनाए हुए, वन्यजीव संरक्षण केंद्र में आज हज़ारों जानवर, आज़ादी से आनंदित जीवन जी रहे हैं और इसी के साथ यह कहानी ख़त्म हो जाती है|

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