चौकीदार | chowkidar | struggle story

1.7/5 - (3 votes)

चौकीदार (chowkidar ki kahani) (struggle story):

ये कहानी एक इंसान की struggle story (संघर्ष कहानी) है जो अपने फ़र्ज़ के लिए अपनी जान की भी चिंता नहीं करती रिहायशी इलाकों तथा व्यापारिक संस्थानों की, सुरक्षा के लिए चौकीदार अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन कई बार इसके लिए, उन्हें बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ती है, ऐसी ही कहानी है चौकीदार ( chowkidar) जहां एक रिहायशी कॉलोनी में, एक चौकीदार अपने परिवार के साथ रहता था | वह सारी रात कॉलोनी की सुरक्षा के लिए जागता था | वह बहुत ईमानदार व्यक्ति था | उसे कॉलोनी में काम करते हुए, आठ वर्ष गुज़र चुके थे | कॉलोनी में, एक से एक बड़े व्यापारी रहते थे और जो चौकीदार को ख़ुश होकर, कुछ पैसे दे दिया करते थे, जिससे उसका गुज़ारा अच्छा चल जाता था | एक दिन कॉलोनी में रहने वाले एक व्यापारी को पैसों के लिए, जान से मारने की धमकी मिलती है | वह अपने मौत की डर की वजह से, अपने घर से निकलना बंद कर देता है और बिना किसी से बताये अपने घर में ही छिपा रहता है पर एक रात, कुछ हत्यारे, कॉलोनी में घुसते हैं और उसी व्यापारी के घर पहुँच जाते हैं, जिसको जान से मारने की धमकी दी गई थी, लेकिन उसी वक़्त चौकीदार की नज़र उनमें से, एक व्यक्ति पर पड़ जाती है | चौकीदार ज़ोर ज़ोर से चिल्लाते हुए, उसके पीछे भागता है | चौकीदार का शोर सुनकर, कॉलोनी के कुछ लोग, अपने घरों से बाहर आते हैं और जैसे ही, उनको चोरों का पता चलता है | सभी हत्यारों को, चारों तरफ़ से घेर लेते हैं | हत्यारे अपने आप को फँसता देख, दुम दबाकर भागने लगते हैं | तभी चौकीदार उन्ही में से एक व्यक्ति को पकड़ लेता है, लेकिन वह चौकीदार को चाक़ू मारके भाग जाता है | चाक़ू के ज़ख़्म से चौकीदार ज़मीन पर गिर कर, बेहोश हो जाता है | हत्यारों के भागने के बाद, सभी चौकीदार के पास पहुंचकर, उसे उठाकर अस्पताल पहुँचाते हैं |

struggle story
image by pickpik creative common

चौकीदार ने जिस व्यापारी की जान बचायी थी | वह व्यापारी चौकीदार की बहादुरी से बहुत प्रसन्न होता है और उसे इनाम देता है | घटना का रुख़ बड़ा होते देख, पुलिस भी अस्पताल पहुँच जाती है और चौकीदार का बयान लेने लगती है | साथ ही व्यापारी से, धमकी वाली बात पता चलने पर, पुलिस हत्यारों को पकड़ने के लिए सारे इलाक़े में जाँच अभियान चला देती है | हत्यारे अपनी साज़िश में नाकाम हो चुके थे | अब वह चौकीदार को अपने रास्ते से हटाना चाहते थे, क्योंकि वह समझ चुके थे कि चौकीदार के रहते हुए, वह उस व्यापारी की हत्या नहीं कर सकते | वह पूरी योजना बनाकर, एक रात का चौकीदार के घर में घुसकर उसका बेटा अगवा कर लेते हैं जो, कि सिर्फ़ पाँच वर्ष का ही था | सुबह होते ही चौकीदार की पत्नी रोते हुए चौकीदार के पास पहुँचती है और अपने बच्चे के अगवा होने की बात कहती है | चौकीदार शरीर के घाव भी नहीं भरे थे और दिल का एक और ज़ख्म मिल चुका था | चौकीदार दुखी हो जाता है और रोने लगता है, तभी चौकीदार के मोबाइल पर हत्यारों का फ़ोन आता है और वह, उसे धमकी देते हुए कहते हैं कि, यदि अपने बच्चे की जान बचाना चाहते हो तो, आज रात हमारे आने पर कोई प्रतिक्रिया मत देना, चुपचाप अपनी जगह पर सोते रहना, वरना बहुत बुरा होगा | इतना कहते ही, हत्यारे फ़ोन काट देते हैं | चौकीदार अपने बच्चे की जान का ख़तरा होने की वजह से, बात सभी से छुपा लेता है और उसी रात हत्यारे दोबारा, व्यापारी की हत्या करने के लिए, कॉलोनी में दाख़िल होते हैं, लेकिन इस बार उन्हें चौकीदार के बच्चे को अगवा करके, उसे ब्लैकमेल कर लिया था | चौकीदार की आँखों के सामने ही 5 हत्यारे व्यापारी के घर में घुसते हैं | व्यापारी सो रहा होता तभी अचानक, कमरे में कई पुलिस वाले, हत्यारों की तरफ़ बंदूक तान कर खड़े हो जाते हैं | हत्यारे, पुलिस वालों को देखते ही सन्न हो जाते हैं और आनन फ़ानन में, यहाँ वहाँ से भागने की कोशिश करने लगते हैं, लेकिन पुलिस की मज़बूत पकड़ से, एक भी हत्यारा बच नहीं पाता |

चौकीदार
Image by Çiğdem Onur from Pixabay

सभी को गिरफ़्तार कर लिया जाता है | हत्यारे चौकीदार को धमकी देते हुए कहते हैं कि, “तुम्हारे बच्चे की जान अब नहीं बच सकती है” लेकिन चौकीदार मुस्कुराते हुए कहता है कि, “तुम अपने ठिकाने पर फ़ोन लगाकर पता कर लो | तुम्हारे लोगों का क्या हाल हुआ” और जब हत्यारा अपने एक साथी को फ़ोन लगाता है तो पता चलता है कि, पुलिस ने उनके ठिकानों पर छापा मारा और बच्चे को उनकी गिरफ़्त से छुड़ा लिया और साथ ही, उनके बाक़ी साथियों को भी गिरफ़्तार किया जा चुका है | दरअसल चौकीदार ने, पुलिस वालों को, अपने बच्चे के अगवा होने की ख़बर, पहले ही कर दी थी और उसी ने, हिम्मत करते हुए सारी योजना के तहत, हत्यारों को गिरफ़्तार करवाया था | चौकीदार की हिम्मत और बहादुरी के लिए, कॉलोनी वाले उसे सम्मानित करते हैं और पुलिस की तरफ़ से चौकीदार को उच्छ नागरिक सम्मान प्रदान किया जाता है |

Visit for डरावनी कहानी
सौतेली माँ | sauteli maa | Best motivation story

 

 

 

Leave a Comment