क्रिप्टो करेंसी (prerak story in hindi):
मुद्रा के आधुनिक बदलाव का रूप, जिसे डिजिटल करेंसी कहते हैं | डिजिटल करेंसी की वजह से, कई लोग फ़र्श से अर्स तक पहुँच चुके हैं और इसी से प्रेरित होकर यह कहानी लिखी गयी है | जहाँ एक लड़का जिसका नाम अमित था | वह MBA की पढ़ाई करने शहर जाता है | अमित होनहार छात्र था | वह बचपन से ही बड़ी सोच वाला व्यक्ति था | अमित के अंदर ग़ज़ब का आत्मविश्वास था | उसे अपने भविष्य की बिलकुल चिंता नहीं थी | ऐसा लगता है, मानो उसकी ज़िंदगी उसके हिसाब से ही चल रही है | अमित ज़्यादातर, इंटरनेट पर ही समय बिताता था | अमित को नई नई जानकारियां इकट्ठा करना बहुत पसंद था | एक दिन इंटरनेट पर, अमित को क्रिप्टो करेंसी के बारे में पता चलता है और उसे क्रिप्टो करेंसी के बारे में जानने की जिज्ञासा होती है | वह अपने कॉलेज पहुंचकर, अपने शिक्षकों से इस बदलते हुए युग की, मुद्रा के बारे में पूछता है | लेकिन शिक्षकों को भी, इस आधुनिक बदलाव की जानकारी नहीं थी और वह अमित की बात को नज़रअंदाज़ कर देते हैं | अमित को अपने सवालों का जवाब नहीं मिलता | वह घर लौट आता है और दोबारा इंटरनेट पर क्रिप्टो करेंसी से जुड़े आर्टिकल पढ़ने लगता है और कुछ घंटों की मेहनत के बाद अमित को बिटकॉइन लॉन्चिंग के बारे में पता चलता है | बिटकॉइन सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी थी, जिसे 2009 में लॉन्च किया गया था | लेकिन इसे ख़रीदने बेचने का की प्रक्रिया अमित को पता नहीं थी | अमित को लगता है, कि बिटकॉइन शेयर मार्केट की तरह है, इसलिए वह बैंक मैं बिटकॉइन को ख़रीदने का तरीक़ा पता करने जाता है | बैंक से भी उसे कोई संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं होता | अमित को एहसास होने लगता है, कि यह काम उसके बस की बात नहीं और वह बिटकॉइन ख़रीदने का विचार अपने दिमाग़ से निकाल देता है और अपने पढ़ाई में ध्यान लगाने लगता है | कुछ दिन गुज़रने के बाद, अमित के कंप्यूटर स्क्रीन में, एक विज्ञापन दिखाई देता है, जिसमें लिखा होता है, “केवल एक क्लिक में बिटकॉइन ख़रीदें” और विज्ञापन देखते ही, अमित के चेहरे में चमक आ जाती है और वह विज्ञापन को खोल कर अपना अकाउंट रजिस्टर्ड करता है और छोटी सी प्रक्रिया के बाद वह लगभग 100 बिटकॉइन खरीद लेता है और इसके लिए उसने केवल 500 रुपये खर्च किये |

बिटकॉइन मिलते ही, अमित की ख़ुशी का ठिकाना नहीं होता | वह अपने दोस्तों को बिटकॉइन के बारे में बताता है, लेकिन उसके दोस्त भी उसकी बात को अनसुना कर देते हैं | बिटकॉइन के बारे में, किसी की कोई रुचि न देखकर अमित को शंका होने लगती है, कि शायद डिजिटल करेंसी का कोई वजूद नहीं हैं और न ही होगा और वह अपना क्रिप्टो करेंसी अकाउंट डिलीट कर देता है और अपनी पढ़ाई में लग जाता है | अमित के ऊपर घर की जिम्मेदारियां थी, इसलिए उसे नौकरी की बहुत आवश्यकता थी | कॉलेज में प्लेसमेंट के लिए कुछ कंपनियां आने वाली होती है, जिसके लिए सभी छात्र छात्रा तैयारी करते हैं | नौकरी पाने के लिए, सभी विषय मैं अच्छे अंक होना अनिवार्य था और साथ ही साथ साक्षात्कार की भी अहम भूमिका होगी, जिससे तय किया जाएगा, कि कौन सा छात्र, किस काम के लिए योग्य है | कॉलेज के एक कमरे में सभी को एक एक करके साक्षात्कार के लिए जाना पड़ता है और कुछ छात्रों के बाद अमित का नंबर आता है | अमित पहले से ही होनहार छात्र था, इसलिये वह साक्षात्कार के दौरान सभी प्रश्नों का उत्तर बख़ूबी देता है और उसके बाद अपने घर चला जाता है | दूसरे दिन कॉलेज के, नोटिस बोर्ड में, उन छात्रों की सूची लगनी थी, जिन्हें नौकरी प्राप्त हो चुकी है | सभी तैयार होकर अपना परिणाम देखने पहुँचते हैं और बहुत से छात्र छात्राओं को नौकरियां मिलने की ख़ुशी झलकने लगती है और इसी बीच अमित भी, सूची में अपना नाम ढूंढता है | लेकिन वहाँ, किसी भी सूची में, अमित का नाम दिखाई नहीं देता |

अमित परेशान हो जाता है और सोचने लगता है, कि इतना अच्छा साक्षात्कार देने के बावजूद भी उसका चयन नहीं हुआ | अमित यह बात अपने शिक्षकों को जाकर कहता है | तभी शिक्षक बताते हैं, कि नौकरी से संबंधित निर्णय लेने का अधिकार, केवल कंपनी के लोगों का है, न कि कॉलेज प्रशासन का | अमित को उसका जवाब मिल चुका था, लेकिन अमित हिम्मत नहीं हारता और अगले साक्षात्कार की तैयारी में लग जाता है | अगले 15 दिनों के बाद फिर से, एक फ़ाइनेंस कंपनी कॉलेज में प्लेसमेंट के लिए आने वाली होती है | अमित के लिए इस कंपनी में नौकरी पाना, “करो या मरो” की स्थिति है, क्योंकि यह उसका आख़िरी प्रयास होगा | इसके बाद उसे कॉलेज के साक्षात्कार में, शामिल होने का मौक़ा नहीं दिया जाएगा | अमित नौकरी पाने के लिए, दिन रात मेहनत करता है और वह घड़ी आ चुकी है, जिस दिन अमित की, क़िस्मत का फ़ैसला होने वाला होता है | सभी छात्र छात्राएँ प्लेसमेंट हाल में इकट्ठा हो जाते हैं और अपनी बारी का इंतज़ार करने लगते हैं | एक एक करके सभी का साक्षात्कार होने लगता है और अब बारी आती है अमित की, लेकिन अमित को अपना पुराना साक्षात्कार भी याद होता है | जिसमें उसने इतना अच्छा प्रदर्शन किया था, फिर भी उसे कोई नौकरी नहीं दी गई | कमरे के अंदर जाने से पहले, अमित अपने शिक्षक को, नज़र रखने के लिए कहता है, ताकि वह देख के बता सकें, कि साक्षात्कार के समय कोई भेदभाव किया गया है या नहीं | अमित के साथ उसके शिक्षक भी साक्षात्कार के दौरान कमरे के अंदर चले जाते हैं | हालाँकि उन्हें अंदर जाने की इजाज़त नहीं होती, लेकिन उनके आग्रह करने पर, उन्हें किनारे बैठने की इजाज़त मिल जाती है और जैसे ही साक्षात्कार प्रारंभ होता है, तो पहला ही सवाल क्रिप्टो करेंसी के बारे में होता है, जिसमें अमित से बिटकॉइन के वर्तमान मूल्य के बारे में जानकारी माँगी जाती है, लेकिन अमित डिजिटल करेंसी के बारे में सब कुछ भूल चुका था, इसलिए वह तुक्के से वही रेट कहता है, जिस रेट पर उसने बिटकॉइन ख़रीदे थे और अमित का मूल्य सुनते ही, साक्षात्कार ले रहे अधिकारी हँसने लगते हैं और अमित से कहते हैं, “किस ज़माने में जी रहे हो, जो मूल्य तुमने बताया, बिटकॉइन आज दस हज़ार गुना बढ़ चुका है” | उनकी यह बात सुनते ही, अमित सबके सामने उछल पड़ता है और उनसे कहता है, “मेरे पास १०० बिटकॉइन हैं” |

साक्षात्कार ले रहे अधिकारी, अमित की बात सुनकर चौंक जाते हैं और उससे पूछते हैं, तुमने इतने सारे बिटकॉइन कैसे ख़रीद लिए | इनकी क़ीमत तो करोड़ों में है, अमित ने वही सबके सामने, अपना पुराना क्रिप्टो करेंसी अकाउंट रिकवर किया और जैसे ही स्क्रीन पर बिटकॉइन का मूल्य दिखाई दिया तो, अमित की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था | दरअसल अमित के पाश की इतनी दौलत थी, कि वह अपनी ख़ुद की कंपनी खोल सकता था | अमित की क़िस्मत बदल चुकी थी और कॉलेज के सभी छात्र छात्राएँ उसके लिए तालियाँ बजा रहे थे | दरअसल ये तालियां अमित के लिए नहीं, बल्कि कुछ साल पहले, अमित के लिये लिए गए फ़ैसले के लिए बजी थीं |
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