इंटरनेशनल सेल्समैन | motivational short story in hindi:
ये प्रेरणादायक कहानी (motivational short story in hindi) एक साधारण लड़के के संघर्ष की है। जिसने अपनी कड़ी मेहनत और अकलमंदी से इंटरनेशनल सेल्समैन बनने तक का सफ़र तय किया। जिसका नाम राहुल था। कहानी शुरू होती है, राहुल के स्कूलिंग करियर से। जहाँ राहुल अपने स्कूल के दोस्तों से पूछ रहा होता है, कि कॉलेज में कौन सा विषय लेना है। उसके दोस्तों में ज़्यादातर गणित और विज्ञान में रुचि दिखाते हैं। लेकिन राहुल आगे की पढ़ाई नहीं करना चाहता, क्योंकि उसके घर में केवल माँ ही कमाने वाली है, और वह अपनी माँ को अब काम करने नहीं देना चाहता। वह अब बड़ा हो गया है, और अपने घर की सारी ज़िम्मेदारी लेना चाहता है। राहुल के सारे दोस्त उसके हालातों से वाक़िफ़ होते हैं, और वह आगे की पढ़ाई में उसकी मदद करना चाहते हैं। लेकिन राहुल स्वाभिमानी विचारधारा का होता है, इसलिए वह अपने दोस्तों से कोई मदद नहीं लेना चाहता है। वह अपने घर के लिए निकलता है, लेकिन रास्ते में उसे दीवार पर एक पोस्टर चिपका दिखाई देता है।
जहाँ एक सेल्समैन की ज़रूरत होती है। वह जल्दी से उसका नंबर लिखता है, और टेलीफ़ोन बूथ जाकर नंबर लगाता है। उसे पता चलता है, कि वह कंपनी बच्चों के खिलौने बनाती है, और उनकी बिक्री के लिए उन्हें सेल्समैनों की आवश्यकता है। राहुल फ़ोन में ही उन्हें काम के लिए हाँ कर देता है, और घर पहुँचते ही अपनी माँ को सारी बात बताता है। लेकिन माँ चाहती है, कि उसका बेटा अभी और आगे पढ़ाई करें। लेकिन राहुल अपनी माँ को मना लेता है, और माँ भी घर के हालातों की वजह से अपने बेटे को काम पर जाने की इजाज़त दे देती है। राहुल समय के अनुसार ऑफ़िस पहुँच जाता है, और वहाँ उसका साक्षात्कार होता है। जिसमें उसे चयनित कर लिया जाता है। राहुल को कंपनी में बनाए गए सभी खिलौने दिखाए जाते हैं, और उसे कहा जाता है फ़ील्ड मार्केटिंग के द्वारा इन प्रोडक्ट्स को बेचना होगा। राहुल बहुत मेहनती लड़का था। इस वजह से वह इस काम को ख़ुशी ख़ुशी अपना लेता है, और पहले ही दिन 2 खिलौने बेच कर आता है। इस बात के लिए राहुल का मैनेजर उसे प्रोत्साहित करता है।
धीरे धीरे राहुल को उस काम में मज़ा आने लगता है। कंपनी के सभी कर्मचारियों में राहुल का प्रदर्शन सबसे बेहतर होता है। एक दिन राहुल की माँ की तबियत बिगड़ जाती है, और वह अपने मैनेजर से कुछ दिनों की छुट्टी माँगता है। लेकिन मैनेजर के ऊपर बहुत से खिलौने बेचने का लक्ष्य होता है, जिसे वह हर हाल में पूरा करना चाहता है, इसलिए मैनेजर राहुल को छुट्टी देने से मना कर देता है। लेकिन राहुल अपनी माँ से बहुत प्यार करता है। वह काम की परवाह न करते हुए घर चला जाता है। राहुल कि इस बात से मैनेजर को बहुत ग़ुस्सा आता है, और वह राहुल को काम से बाहर निकाल देता है। राहुल कंपनी के इस रवैये से बहुत दुखी होता है, क्योंकि राहुल ने कई साल इस कंपनी को दिए और जब उसे कंपनी के सहयोग की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी, तो उसकी नौकरी चली गई। राहुल दुनिया की सच्चाई समझ चुका था। उसे अब अपना ख़ुद का कोई काम शुरू करना था।
राहुल ने उच्चतर माध्यमिक शिक्षा तक पढ़ाई की थी, और उसे कंप्यूटर का भी थोड़ा बहुत अनुभव था। राहुल को इंटरनेट मैं ऑनलाइन प्रोडक्ट बेचने का तरीक़ा पता चलता है। राहुल कई वेबसाइट से प्रोडक्ट्स का ऑनलाइन प्रमोशन करने लगता है। जिस वजह से उसकी विश्वसनीयता, उसके सब्सक्राइबर मैं बनने लगती है। धीरे धीरे राहुल का ऑनलाइन नेटवर्क बहुत बड़ा हो जाता है। उसके ब्लॉग पर मिलियन ट्रैफ़िक आने लगता है, और लोग राहुल के प्रमोट किए हुए प्रोडक्ट बहुत तेज़ी से ख़रीद रहे होते हैं। देखते ही देखते हैं राहुल बहुत सी मैन्युफैक्चरिंग कम्पनियों के साथ साझेदारी करके पूरी दुनिया में अपना परचम लहरा देता है |
और अपनी कड़ी मेहनत और लगन से इंटरनेशनल सेल्समैन बन जाता है। अख़बारों और मैगज़ीन्स मैं उसके फ़ोटो छपना आम बात हो जाती है। राहुल ने अपनी मेहनत से अपने लिए गए निर्णय को सही सबित कर दिखाया दोस्तो अब बारी आपकी।